*मिटने वाली रात नहीं*
Sunday, February 6, 2011
वसंत
ये वसंती पर्व सूना हो रहा है,
दर्द दिल का और दूना हो रहा है.
मंहगाई ने तोड़ी कमर है आज ऐसी,
गाँव, मुम्बई और पूना हो रहा है.
......आनन्द विश्वास.
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