Wednesday, April 14, 2010

तुम्ही बताओ कीट सखे .......


तुम्ही बताओ कीट सखे...

तुम्ही   बताओ   कीट   सखे,  मैं   कैसे   तुमसे  प्यार  करूं .

जब  जल कर  करता  उजियारा , तब  तुम प्रीति दिखाते हो,
सच्चा प्रेम अगर  तुम करते, तो बुझने  पर क्यों ना आते हो.
मत  समझो मैं  पागल तुम - सा , जो हर राही से प्यार करूं .
तुम्ही बताओ कीट सखे,...........................................

तुम  मस्त मिरन्दे  सम ठहरे, जो डोला करते फूल - फूल पर,
खा कर के सोगंध  कहो तुम,  ना डोला  करते  दीप - दीप पर,
तुम   मतलब  के   मीत  सखे,  रिश्ता  कैसे    स्वीकार  करूं,
तुम्ही  बताओ कीट सखे,............................................

जब   चंदा  करता   उजियारा ,     तब   चकोर   ललचाता  है,
क्या   दिन   में  भी  कहीं   चकोर,  ऊपर  को आस  लगाता है.
वे  सोचे   समझे   क्यूँ   तुमसे,  कुछ   सांसों  का व्यापार करूं.
तुम्ही बताओ कीट सखे,............................................

तेल  है  मेरा   जीवन   साथी,  जो  जलता है  मुझे जिलाने को,
माना  तुम   भी  जल  जाते,  अपना   पन   मुझे  दिखाने  को,
बिना   तेल  अस्तित्व  हीन ,   किस  ओर  थिरकते पांव धरूँ.
तुम्ही बताओ कीट सखे,..............................................

                                                  ....
आनंद विश्वास